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हरिहरपुरी की कुण्डलिया




हरिहरपुरी की कुण्डलिया


नाता सब के साथ हो, दुनिया नातेदार।

नातेदारी की प्रथा, का कर नित विस्तार।।

का कर नित विस्तार, सहज बन जीते रहना।

सब के प्रति मृदु भाव,हृदय में  ही नित रखना।।

कहत मिश्रा कविराय,मनुज है वही सुहाता।

जो संवेदनशील, रखत है सब से नाता।।





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1 Comments

Varsha_Upadhyay

18-Dec-2022 01:58 PM

शानदार

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