डॉ. रामबली मिश्र
269
हरिहरपुरी की कुण्डलिया
नाता सब के साथ हो, दुनिया नातेदार।
नातेदारी की प्रथा, का कर नित विस्तार।।
का कर नित विस्तार, सहज बन जीते रहना।
सब के प्रति मृदु भाव,हृदय में ही नित रखना।।
कहत मिश्रा कविराय,मनुज है वही सुहाता।
जो संवेदनशील, रखत है सब से नाता।।
Varsha_Upadhyay
18-Dec-2022 01:58 PM
शानदार
Reply
कृपया इस पोस्ट पर लाइक देने के लिए लॉग इन करें यहाँ क्लिक करें..
समीक्षा देने के लिए कृपया अपना ईमेल सत्यापित करें लिए लॉग इन करें click here..
कृपया लॉगिन करें यहाँ क्लिक करें..
कृपया समीक्षा देने के लिए लॉगिन करें click here..
इस पोस्ट को रिपोर्ट करने के लिए कृपया लॉगिन करें click here..
Varsha_Upadhyay
18-Dec-2022 01:58 PM
शानदार
Reply